भारतीय त्यौहार/पर्व और उनका महत्त्व – हमारी भारतीय संस्कृति में प्रत्येक महिने में किसी न किसी प्रकार के त्यौहार, उत्सव व पर्व मनाये जाते हैं। पर्व और उत्सव हमारी लौकिक तथा आध्यात्मिक उन्नति के सशक्त साघन हैं। इनसे आनन्द-उल्लास के साथ ही हमें उदात्त और उत्साहित जीवन जीने की प्रेरणा प्राप्त होती है। इन पर्वो/त्योहारों में हमारी संस्कृति की विचारधारा के बीज छिपे हुए हैं। आज भी अनेक विघ्न-बाधाओं के बीच हमारी संस्कृति सुरक्षित है और विश्व की सम्पूर्ण संस्कृतियों का नेतृत्त्व भी करती है।
भारत माँ के पर्वो/त्योहारों के मूल में आनन्द और उल्लास का पूर्ण समावेश है। दुःख, भय, शोक, मोह तथा अज्ञान की आत्यन्तिक निवृत्ति और अखण्ड आनन्द की प्राप्ति ही पर्वोत्सवों का लक्ष्य है। इसका एकमात्र श्रेय हमारे पर्व परम्परा को ही है। ये पर्व समय-समय पर सम्पूर्ण समाज को नयी चेतना प्रदान करते हैं तथा दैनिक जीवन की नीरसता को दूर करके जन जीवन में उल्लास भरते हैं और उच्चतर दायित्वों का निर्वाह करने की प्रेरणा प्रदान करते हैं।
यही कारण हैं कि ये पर्व प्राणी को अन्तर्मुख होने की प्रेरणा करते है। स्नान, पूजन, जप, दान, हवन तथा ध्यानादि कृत्य एक प्रकार के व्रत हैं जो की त्योहारों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। कुछ पर्व तिथि, नक्षत्र, दिन, ग्रहयोग के कारण मनाये जाते हैं, जिन्हें ‘दिव्यपर्व’ कहते हैं। संक्रांति, कुम्भ, वारुणी, ग्रहण आदि दिव्यपर्व हैं। ये विशेष ग्रह-नक्षत्रों के योग के समय होते हैं। सूर्य की संक्रातियों से महीने बनते है। सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि पर जाता है, तब ऋतुओं में परिवर्तन आता है। सूर्य हमारे शरीर में नेत्र के देवता हैं, शरीर में जो उष्णता है वह सूर्य से ही आती है तथा बुद्धि भी सूर्य से ही प्रेरणा प्राप्त करती है।
इस प्रकार सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना नेत्र, बुद्धि तथा विश्व की समस्त उष्मा को प्रभावित करते है। जिस प्रकार सूर्य का सम्बन्ध हमारे शरीर से है। वैसे ही चन्द्रमा भी मन के देवता है। अमावस्या के दिन वट वृक्ष का पूजन, केले के वृक्ष का पूजन मुख्य रूप से गुरुवार को, बिल्व वृक्ष का पूजन सोमवार के दिन पूजन करने का विधान है। तुलसी पत्र भगवान् विष्णु (शालिग्राम) की पूजा में चढ़ाना अनिवार्य है। शीतलाष्टमी पर शीतला माता के साथ निम्ब वृक्ष की भी पूजा होती है। इसी तरह कार्तिक मास में अक्षय नवमी पर आँवले के वृक्ष के पूजन की बड़ी महिमा है। इस दिन इस वृक्ष के नीचे बैठकर इसकी जड़ में दूध से पितरों का तर्पण करना चाहिये तथा वृक्ष के नीचे बैठकर ही ब्राह्मण भोजन तथा दान का शास्त्रों में विशेष पुण्य बताया गया है। इसी प्रकार इन वृक्षों के फल भी भगवान् की पूजा में अर्पित किये जाते हैं।

भारतीय त्यौहार और उनका महत्त्व का परिचय
हम कल्पना भी नहीं कर सकते है की अगर ये त्यौहार नहीं होते तो हम अपने जीवन मे कितने निरस्तर होते | त्यौहार हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है वास्तव मैं यह त्यौहार केवल लोक जीवन के सांस्कृतिक चिन्ह ही नहीं है, अपितु ऐसे शक्ति स्त्रोत है जिनके आधार पर लोक जीवन में अनेक प्रतिकूलताओं के बीच जीवन का उल्लास पूर्ण रास्ता खोज लिया था। त्यौहारों के दिन मन उदास नहीं करते, त्यौहार के दिन क्रोध नहीं करते। त्यौहार के दिन की इस “चर्या” ने जीवन की सात्त्विक ज्योति को कभी मन्द नहीं होने दिया। त्यौहार का यही उपदेश और महत्त्व है कि मन सदा आनन्द और उल्लास से पुलकित रहे।
वर्ष/साल भर मे आने वाले त्यौहार/पर्व की सूचि
चैत्र मास/महीने के त्यौहार और पर्व
- धूलंडी या छारंडी, रविवार रोटा (सूर्य की पूजा)
- सूरज भगवान की कहानी
- सांपदा की विधि व पूजा
- चैत्र में इलख्या बिलख्या की कथा
- शीतला षष्ठी
- शीतला माता का गीत
- शीतला माता की कहानी
- पापमोचनी एकादशी/वारुणी पर्व/चैत्र अमावस्या
- पंथवाडी की कहानी
- गणगौर के गीत
- सिंजारा व कथाएँ
- श्रीव्रत/मत्स्य जयन्ती
- व्रत कथा
- रामनवमी/अनन्त त्रयोदशी/हनुमान जयन्ती/गणेश दमनक चतुर्थी
- अशोकाष्टमी/कथा
- त्रिसुवा सोम व्रत व कथा
- कामदा एकादशी/चैत्री पूर्णिमा/पजून पूनम (पूर्णिमा कथा)
- वर्ष भर की पूर्णिमा/उजमणा विधि
वैशाख माह/महीने के त्यौहार और पर्व
- धींगा गवर की कहानी
- आसमाता की कथा
- मेष संक्रांति/परशुराम जयन्ती/सीता जयन्ती/आखा तीज
- मोहिनी एकादशी/सांपदा का डोरा खोलना/आसमाई की पूजा
- नरसिंह जयन्ती/सूरदास जयन्ती
- वैशाख की व भादवा मास के चौथ की कहानी
- वरुण एकादशी/वैशाखी पूर्णिमा
ज्येष्ठ माह/महीने के त्यौहार और पर्व
- वट सावित्री कथा
- ज्येष्ठ कृष्ण गणेश चौथ
- गंगा दशहरा
- अचला (अपरा एकादशी)
- महेश नवमी
- निर्जला एकादशी
आषाढ़ मास/महीने के त्यौहार और पर्व
- चातुर्मास व्रत व नियम/योगिनी एकादशी/जगदीश यात्रा
- गुरु पूर्णिमा/देवशयनी एकादशी
- कोकिला व्रत
श्रावण मास/महीने के त्यौहार और पर्व
- सोमवार, मनसा वाचा
- मारी आद्य भवानी
- शिवजी की आरती
- मंगला गौरी व्रत व कथा
- श्रावण माह में नाग पंचमी कथा
- निऊरी नवमी
- आस नवमी की कहानी
- कामिका एकादशी
- श्रावण माह का सिंजारा
- वीरफूली की कथा
- रक्षाबंधन
भाद्रपद मास/महीने के त्यौहार और पर्व
- बड़ी तीज, बूढ़ी तीज, सतु तीज, कजरी तीज
- नीमड़ी की कथा
- सतु तीज की कहानी
- भाद्रपद की चौथ
- भाद्रपद की चौथ के बाद नाग की कहने वाली कहानी
- बहुला चतुर्थी, गोगा पंचमी मघा
- हल षष्ठी व व्रत कथा
- ऊब छठ की कहानी
- जन्माष्टमी/गोगा नवमी/अजा एकादशी
- गऊ तेला की कहानी व पूजा विधि
- बच्छ बारस विधि, वत्स द्वादशी
- ओगड़े की कथा
- सतीया अमावस्या
- रानी सती जी आरती
- कुसोत्पाटनी अमावस्या
- बाबा रामदेव बीज
- भाद्रपद शुक्ल तृतीया को हरितालिका तीज
- हरितालिका की कहानी
- गणेश चतुर्थी-कथा
- भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी की चन्द्रदर्शन निषेध
- ऋषि पंचमी की कथा
- ऋषि पंचमी साधु की कथा
- संतान सप्तमी
- दुबड़ी सप्तमी
- महालक्ष्मी का डोरा लेना
- श्री महालक्ष्मी व्रत (सोरहिया व्रत)
- देवझूलनी एकादशी/वामन द्वादशी
- अनन्त चतुर्दशी/अनन्त व्रत का प्रत्यक्ष प्रमाण
- गाज माता की कहानी
- उमामहेश्वर व्रत/साँझी
आश्विन मास/महीने के त्यौहार और पर्व
- श्राद्ध पक्ष में कही जाने वाली कथा
- श्राद्ध पक्ष
- नान पड़वा/जीवित पुत्री का व्रत/व्रत महात्म्य की कथा
- आशा भगवती का व्रत
- मातृनवमी/महालक्ष्मी व्रत
- इंदिरा एकादशी
- पितृ विसर्जन अमावस्या
- अशोक व्रत/महालक्ष्मी कथा
- शारदीय नवरात्रि
- दुर्गाष्टमी
- विजया दशमी (दशहरा)
- पापाकुंशा एकादशी/पद्मनाम द्वादशी/वारह चतुर्दशी
- आश्विन पूर्णिमा (शरपूर्णिमा)
- कोजागर व्रत
कार्तिक मास/महीने के त्यौहार और पर्व
- कार्तिक स्नान एवं प्रमुख व्रतादि
- कार्तिक या वैशाख के महीने में कहने वाली कथा
- कार्तिक महिने की कहानी-कथा
- नारायण तारायण/छोटी सांकली
- बड़ी सांकली/चन्द्रायन व्रत/तुलसी तेला व्रत
- करवा चौथ व्रत विधि व कथा
- अहोई अशोकाष्टमी का व्रत व विधि
- अहोई अष्टमी व्रत पूजन कथा व उजमणा
- रमा एकादशी
- गोवत्सद्वादशी व्रत विधान व कथा
- धनतेरस
- आंवली बैंकुठ चवदस की कहानी
- कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी “नरक चतुर्दशी” / गोत्रिरात्र व्रत
- कुबेर पूजन/रूप चतुर्दशी/दीये के अमावस्या की कथा
- छोटी दीपावली/दीपावली पर्व / लक्ष्मीजी की कहानी
- धर्मराजा की कहानी
- रामा सामा/गोवर्धन पूजा/अन्नकूट महोत्त्सव
- भैया दूज (यम द्वितीया) कथा
- मनचीता रानी की पूजा
- सूर्य षष्ठी व्रत व कथा
- गोपा अष्टमी/आंवला नवमी (अक्षय नवमी) की कहानी
- पंचतीर्थी व्रत/पंचतिर्थियां की कहानी (पंच भीखु की कहानी )
- भीष्म पंचम व्रत कथा
- देवोत्थानी एकादशी
- कार्तिक में तुलसी विवाह
- तुलसी माता की कहानी
- सालगरामजी की कथा
- कार्तिक पूर्णिमा
- कार्तिक स्नान
मार्गशीर्ष मास/महीने के त्यौहार और पर्व
- रानी सती जी का जन्म/औसान बीबी की पूजा
- एकादशी जन्म आलंदीरी एकादशी
- वैतरणी व्रत/साधन द्वादशी/कालभैरवाष्टमी/भैरव जयन्ती
- विवाह पंचमी/भगवान के विवाह में गाए जाने वाले गीत
- चंपा षष्टी व व्रत कथा/गीता जयन्ती
- श्री दत्तात्रेय जयन्ती (मार्गशीर्ष पूर्णिमा)
- धनुर्मास/पुत्रदा एकादशी
- पौष महात्म्य तथा व्रत विधान
- ब्रह्मा गौरी पूर्णिमा व्रत
माघ मास/महीने के त्यौहार और पर्व
- माघ माह का महत्त्व और कहानियां
- संकट चौथ व कथा
- माघ लागमती चौथ, तिल चौथ की विधि
- षट्तिला एकादशी
- बसंत पंचमी
- सूर्य सप्तमी/मकर संक्रांति
- मौनी अमावस्या/अचला सप्तमी व्रत
- भीमाष्टमी (माघ शुक्ल अष्टमी का आठवां दिन)
फाल्गुन मास/महीने के त्यौहार और पर्व
- जानकी नवमी/विजया एकादशी एवं कथा
- फाल्गुन माह में शिवरात्रि की कहानी
- आविघ्नकर व्रत/आंवला एकादशी
- होली की असामाता/बड़कुल्ला की पूजा एवं कथा
- ढूंढ़ का नेग/होली की पूजा विधि व सामग्री
- होली के पर्व की कहानी
- होली के झाला/आमलकी एकादशी
अन्य व्रत एवं त्यौहार की कथाएं
- सात वारों की कथाएँ
- बुध अष्टमी का व्रत विधान व कहानी
- सोमवती अमावस्या
- मलमास (पुरुषोत्तम मास)/पद्मिनी एकादशी
- हरिवल्लभा एकादशी/दशा माता की दस कहानियाँ
- शिवजी पार्वतीजी की कथा
- लोभिया/सुहाग की कहानी
- सूरज भगवान और राणादे की कथा/जाटका भाटका की कहानी
- लपसी तपसी की कहानी
- आरी बारी की कहानी
- व्याति पात/वैधर्ती वितीपात/चन्द्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण
- बारह महिनों के व्रत के नियम/चौबीस एकादशियों के नाम
- एकादशी की कथा
- प्रदोष व्रत
- कार्तिक मास की कहानी
- सूरज भगवान की कहानी
- तुलसा माता की कहानी
- अक्षय तृतीया (आखा तीज)
- सत्य भगवान की कहानी
- सभी कहानियों के अन्त में कहने वाली गजानन्दजी की कहानियां
- माता द्रोपदी की कथा
- पुरुषोत्तम मास की महिमा
- मलमास का उद्धार
- तुलसी स्त्रोत का वर्णन
- श्री महालक्ष्मी वैदिक स्त्रोत
- कुम्भ पर्व
- कुष्ट रोग निवारक कथा/एकातरे बुखार आने पर कहने वाली कथा
- सूरज भगवान की कहानी
- धर्मराज की कथा
- पोपा बाई की कहानी
- तुलसी माँ की कहानी
- धरती माता की कहानी
- सुख अमावस्या की कहानी (प्रथम)
- सुख अमावस्या की कहानी (द्वितीय)
- राई बाई की कथा
- व्यतिपात की कथा
- वैतरणी व्रत कथा
- व्रतों की उद्यापन विधि