जन्मदिन पर कहानी – ज्येष्ठ माह की बात है उस महीने भीषण गर्मी थी। स्कूल की छुट्टियां शुरू हो चुकी थीं और कपिल अपने जन्मदिन को लेकर बहुत उत्साहित था। इस बार वह माता-पिता से स्मार्ट वॉच की जिद कर रहा था। पर उसके दादा जी उसकी यह सोच बदलना चाहते थे।
एक दिन दादा जी कपिल को पास की बस्ती में ले गए, जहां लोग बूंद-बूंद पानी को तरसते थे। वहां उसने छोटे बच्चों को पानी के लिए लंबी लाइन में खड़े देखा, कुछ महिलाएं दूर से पानी लाती थीं। एक बच्ची ने कपिल से कहा, ‘भैया, हमें रोज पर्याप्त पानी नहीं मिलता, सिर्फ इतना कि प्यास बुझ जाए।
कपिल का मन भर आया। उसने सोचा, ‘मैं तो ठंडा पानी रोज पीता हूं, पर इन्हें ये भी नहीं मिलता।’ दादा जी ने कहा, ‘बेटा, स्मार्ट वॉच से कहीं ज्यादा जरूरी है किसी की प्यास बुझाना। कपिल ने घर आकर माता-पिता से कहा, इस बार में जन्मदिन पर स्मार्ट वॉच नहीं लूंगा। मैं घर के बाहर एक वाटर कूलर लगाऊंगा और प्यासे राहगीरों को ठंडा पानी पिलाऊंगा।
उसका यह फैसला सुनकर सभी खुश हो गए। कपिल ने न सिर्फ अपने जन्मदिन को खास बनाया, बल्कि दूसरों की मदद करके सच्ची खुशी पाई। ‘प्यास बुझाना सबसे बड़ा उपहार है’ अब कपिल यही मानता था।