पर्यावरण संरक्षण के उपाय – पर्यावरण संरक्षण को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। सभी देश अपने स्तर पर काम कर रहे हैं, तो बड़ी संस्थाएं और पर्यावरणविद अपने स्तर पर।
जबकि हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी के साथ पर्यावरण संतुलन की ओर कदम बढ़ा सकता है। परिवार का हर सदस्य कतरा-कतरा भी योगदान देगा, तो इस दुनिया के जंगल हरे रहेंगे। जमीन और नदियों का प्रदूषण रोका जा सकेगा। बस आपकी-हमारी जागरूकता जरूरी है।
पर्यावरण संरक्षण के उपाय
एक परिवार एक छोटा सा ब्रह्मांड है। यदि हम इस ब्रह्मांड को पर्यावरण के प्रति जागरूक, जिम्मेदार और संवेदनशील बना सकें, तो पृथ्वी पर एक सुखद बदलाव लाया जा सकता है। यह बदलाव धीरे-धीरे पूरे समाज, राज्य, देश और अंततः पूरी दुनिया में महसूस होगा।
यदि हर परिवार यह सोच ले कि ‘मैं नहीं तो कौन ? और अभी नहीं तो कब?’-तो दुनिया वाकई सुंदर, स्वच्छ और संतुलित जगह बन सकती है। पर्यावरण हमें जीवन देता है, अब हमारी बारी है, उसे संरक्षित कर खुद का जीवन बचाने की।
परिवार जागरूक बनें – परिवार जागरूक होता है और जीवनशैली में पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बदलाव करता है, तो वह समाज में एक सकारात्मक लहर पैदा करता है।
यह योगदान केवल पर्यावरण की रक्षा में सहायक नहीं होता, बल्कि भावी पीढ़ियों को एक सुरक्षित, स्वस्थ और संतुलित भविष्य देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण होता है।
जितनी जरूरत, उतनी खपत – घरों में बिजली या ईंधन की खपत जितनी करेंगे, प्राकृतिक संसाधनों पर उतना दबाव बढ़ेगा। ऊर्जा बचत वाले उपकरण और सोलर पैनल जैसे विकल्पों का प्रयोग करें, तो ऊर्जा बचा सकते हैं।
बिना काम टीवी, पंखा, लाइट बंद रखना प्रभावी आदत है। याद रखें एक बल्ब जलाने में पावर प्लांट में जो कोयला जलाया जाता है, वो प्रदूषण बढ़ाता है।
महिलाओं कर सकती है बदलाव – परिवार की महिलाएं बच्चों को प्लास्टिक के टिफिन की बजाय स्टील के डिब्बे में भोजन देती हैं, फॉइल पेपर की जगह कपड़े का इस्तेमाल करती हैं, कपड़े के थैले में सब्जियां लाती हैं, तो वह बच्चों के सामने पर्यावरणीय दृष्टिकोण की मिसाल पेश करती हैं। नियमित रूप से किए गए छोटे प्रयासों का प्रभाव परिवार में स्थायी होता है।
पेड़ लगाए – पर्यावरण संरक्षण में अहम है- पौधरोपण। पेड़ केवल ऑक्सीजन नहीं देता, बल्कि तापमान नियंत्रित करता है, जलस्तर बनाए रखता है, जैव विविधता को सुरक्षित करता है और मिट्टी की गुणवत्ता सुधारता है। यदि प्रत्येक परिवार साल में सिर्फ एक पेड़ लगाकर उसकी देखभाल करे, तो यह भी बड़ी भागीदारी है। घर के आसपास गमले लगाना, रसोई बगिया बनाना, टेरेस गार्डन या वर्टिकल गार्डन की शुरुआत करना आसान तरीके हैं।
फूलों से भरे हों आयोजन – पारिवारिक आयोजनों में प्लास्टिक, कागज, विद्युत व ईंधन की अत्यधिक खपत के कारण पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव होता है। यदि परिवार इन अवसरों पर पर्यावरण-संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएं, जैसे-मिट्टी के दीयों से घर सजाना, प्राकृतिक रंगों का उपयोग, शादी-जन्मदिन की सजावट फूलों और पुनः उपयोग योग्य सामग्री से करें। ये न केवल पर्यावरण के अनुकूल होते हैं, बल्कि पारंपरिक मूल्यों की भी रक्षा करते हैं।
यातायात में करे बदलाव – या तायात के क्षेत्र में भी हमारे छोटे प्रयास बड़े बदलाव ला सकते हैं। निजी वाहनों की संख्या जितनी अधिक होगी, वायु प्रदूषण उतना ही बढ़ेगा। ऐसे में परिवार सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दें, छोटे सफर पैदल या साइकिल से तय करें, कार पूलिंग को अपनाएं- तो यह न केवल ईंधन की बचत करेगा, बल्कि ट्रेफिक और प्रदूषण दोनों को कम करेगा। साथ ही पॉकेट फ्रेंडली भी होगा।